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किस्मत की लकीरों में

किस्मत की लकीरों में नहीं था नाम उसका शायद,
जबकि उनसे मुलाकात तो हर रोज़ होती थी।

किसी ने हमे दिल से

काश किसी ने हमे दिल से पहचाना होता।
थोड़े से ख़ुशी के लिए हमने ग़मों से दोस्ती करना सीख लिया।

मत कर हिसाब

मत कर हिसाब किसी के प्यार का,
कहीं बाद में तू खुद ही कर्ज़दार न निकले।

अफ़सोस करने से

अफ़सोस करने से बढ़िया है,
कम से कम एक बार कोशिश जरूर करना।

रो लेते है कभी

रो लेते हैं कभी कभी,
ताकि आंसुओं को भी कोई शिकायत ना रहे।

रो लेते है कभी शायरी